भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक नई उपलब्धि की ओर अग्रसर, अलीशा मूफन ने हाल ही में घोषणा की कि उनकी कंपनी 14,000 बेड की क्षमता के साथ देश के सबसे बड़े हेल्थकेयर प्रदाताओं में से एक बनने जा रही है। अलीशा मूफन, जो एस्टर डीएम हेल्थकेयर की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, ने यह जानकारी साझा करते हुए अपनी कंपनी की योजनाओं और भारत में स्वास्थ्य सेवा के भविष्य पर चर्चा की।
एस्टर डीएम हेल्थकेयर का विस्तार
एस्टर डीएम हेल्थकेयर वर्तमान में भारत और मध्य पूर्व में अपनी सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी का मुख्यालय दुबई में स्थित है, लेकिन इसके अस्पताल, क्लीनिक और फार्मेसियों का बड़ा नेटवर्क भारत में भी फैला हुआ है।
अलीशा मूफन ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल बेड की संख्या बढ़ाना नहीं है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं हर भारतीय तक पहुंचाना है। भारत में 14,000 बेड की क्षमता के साथ, हम देश के हर हिस्से में स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।”
स्वास्थ्य सेवा में बदलाव का प्रयास
भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार की बड़ी गुंजाइश है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में अंतर, विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी और बढ़ती चिकित्सा लागत जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं।
अलीशा ने इस पर जोर देते हुए कहा, “हम न केवल तकनीकी रूप से उन्नत अस्पताल बना रहे हैं, बल्कि ऐसे मॉडल पर काम कर रहे हैं, जिससे छोटे शहरों और गांवों में भी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकें।”
तकनीकी नवाचार और डिजिटल हेल्थकेयर
एस्टर डीएम हेल्थकेयर तकनीकी नवाचार पर भी जोर दे रही है। कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दे रही है। अलीशा ने कहा, “डिजिटल हेल्थकेयर भविष्य की कुंजी है। कोविड-19 महामारी ने हमें सिखाया कि डिजिटल तकनीक के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचा जा सकता है। हम इस दिशा में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं।”
मरीज-केंद्रित दृष्टिकोण
अलीशा ने बताया कि एस्टर डीएम हेल्थकेयर का मुख्य फोकस मरीज-केंद्रित दृष्टिकोण है। कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर मरीज को व्यक्तिगत देखभाल मिले।
उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल बीमारियों का इलाज करना नहीं है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना है। इसके लिए हमने विशेषज्ञ डॉक्टरों और प्रशिक्षित नर्सों की एक मजबूत टीम तैयार की है।”
विस्तार की योजना
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है। अलीशा मूफन ने बताया कि कंपनी अगले पांच वर्षों में अपनी उपस्थिति को दोगुना करने की योजना बना रही है। इसके तहत नए अस्पतालों का निर्माण, क्लीनिक का विस्तार और फार्मेसियों की संख्या बढ़ाना शामिल है।
स्वास्थ्य सेवा में निवेश
एस्टर डीएम हेल्थकेयर भारत में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। अलीशा ने कहा, “हमारे निवेश का उद्देश्य केवल आधारभूत संरचना को मजबूत करना नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार और कुशल संचालन को बढ़ावा देना भी है।”
समाज के प्रति जिम्मेदारी
एस्टर डीएम हेल्थकेयर सामाजिक उत्तरदायित्व को भी प्राथमिकता देता है। अलीशा ने बताया कि कंपनी ने कई मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर, टीकाकरण कार्यक्रम और जागरूकता अभियानों का आयोजन किया है।
“हमारा लक्ष्य केवल व्यवसाय करना नहीं है। हम समाज को वापस कुछ देने में विश्वास करते हैं। यही कारण है कि हमने कई ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए पहल की है,” अलीशा ने कहा।
चुनौतियां और संभावनाएं
हालांकि, अलीशा ने यह भी स्वीकार किया कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा, “भारत जैसे बड़े और विविध देश में स्वास्थ्य सेवाओं को हर कोने तक पहुंचाना आसान नहीं है। लेकिन हमारी टीम इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।”
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता
अलीशा मूफन ने यह भी कहा कि भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के बीच बेहतर सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने स्वास्थ्य बीमा को अधिक व्यापक बनाने, चिकित्सा शिक्षा में सुधार करने और अनुसंधान एवं विकास पर जोर देने की वकालत की।
अलीशा मूफन की घोषणा भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। एस्टर डीएम हेल्थकेयर की यह पहल न केवल भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि अन्य निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए भी एक मिसाल कायम करेगी।
“हमारा सपना है कि हर भारतीय को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। 14,000 बेड की क्षमता हमारे इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है,” अलीशा ने अपने वक्तव्य को समाप्त करते हुए कहा।
यह पहल भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है, जो देश को न केवल स्वास्थ्य सेवा में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी।