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**ग्रेटर नोएडा के छात्र राकेश कुमार ने पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में तीरंदाजी में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया**

ग्रेटर नोएडा से एक अत्यंत प्रेरणादायक खबर आई है। गलगोटियास विश्वविद्यालय के बीए प्रथम वर्ष के छात्र राकेश कुमार ने पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में मिश्रित कंपाउंड ओपन तीरंदाजी स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर भारतीय खेलों में एक नया इतिहास रचा है। इस ऐतिहासिक जीत में राकेश कुमार ने शीतल देवी के साथ मिलकर भारत को यह महत्वपूर्ण उपलब्धि दिलाई। इस जोड़ी ने इटली की एलेनॉरा सार्टी और माटेओ बोनाचिना को 156.155 के स्कोर से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।

**राकेश कुमार की प्रेरणादायक यात्रा**

राकेश कुमार की यह उपलब्धि उनके निरंतर परिश्रम और साहस का प्रतीक है। यह उनका पहला पैरालंपिक पदक है, जो वर्षों की कठिन मेहनत और संघर्ष का फल है। राकेश ने पेरा वर्ल्ड चैम्पियनशिप और एशियाई पेरा खेलों में भी स्वर्ण पदक जीते हैं, लेकिन यह पदक उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

राकेश की यात्रा आसान नहीं रही। रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के बाद वह व्हीलचेयर पर आ गए थे, और इस स्थिति में उन्होंने कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना किया। अवसाद और निराशा की गहरी गर्त में गिरने के बावजूद, राकेश ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी मुश्किलों को पार किया और पैरालंपिक खेलों के मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनका यह संघर्ष और दृढ़ता हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

**गलगोटियास विश्वविद्यालय की गर्वित प्रतिक्रिया**

गलगोटियास विश्वविद्यालय ने राकेश कुमार की इस अद्वितीय उपलब्धि पर गर्व महसूस किया है। विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने उनकी इस शानदार सफलता पर बधाई दी है। विश्वविद्यालय के सीईओ, डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में राकेश कुमार की सफलता केवल एक पदक नहीं बल्कि साहस और संकल्प की पराकाष्ठा का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि राकेश की कहानी पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए एक चमकदार उदाहरण प्रस्तुत करती है कि सच्ची दृढ़ता और संकल्प से बड़ी से बड़ी बाधाओं को पार किया जा सकता है।

डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने इस अवसर पर कहा, “राकेश कुमार की सफलता केवल व्यक्तिगत विजय नहीं है, बल्कि यह हमारे विश्वविद्यालय और पूरे समाज के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है। हमें गर्व है कि हमारे छात्र ने इतने बड़े मंच पर भारत का नाम रोशन किया। यह उनके साहस और निरंतरता की कहानी है, जो हमें भी प्रेरित करती है कि हम अपनी चुनौतियों का सामना साहस और दृढ़ता के साथ करें।”

**भारत की खेल उपलब्धियों में एक नया अध्याय**

राकेश कुमार की यह जीत पैरालंपिक खेलों में भारत द्वारा तीरंदाजी में जीते गए पदकों की सूची में शामिल हो गई है। इससे पहले, भारत ने टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में हरविंदर सिंह द्वारा कांस्य पदक जीता था। राकेश की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि भारत के खिलाड़ी हर चुनौती का सामना करने की क्षमता रखते हैं और वैश्विक मंच पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।

राकेश कुमार की इस उपलब्धि से साबित होता है कि सच्ची मेहनत, साहस, और दृढ़ता के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की जीत है, बल्कि पूरे देश और उनके विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में राकेश कुमार की यह सफलता भारतीय खेलों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ती है।

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