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*गारमेंट फैक्ट्री में लगी भीषण आग से लाखों का नुकसान, आधा दर्जन फायर बिग्रेड की 10 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया, कोई हताहत नहीं*

नोएडा, 21 नवंबर 2024:

नोएडा के सेक्टर-63 स्थित एक बंद पड़ी गारमेंट कंपनी में गुरुवार की सुबह तड़के अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैलने लगी कि पूरी कंपनी उसकी चपेट में आ गई। हालांकि, गनीमत रही कि आग लगने के समय कंपनी में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिससे बड़ी जनहानि की स्थिति टल गई। आग को बुझाने के लिए दमकल विभाग ने भारी मशक्कत की और करीब 4 घंटे बाद आग पर काबू पाया। आग के कारण कंपनी को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, और फायर विभाग ने आग लगने के कारणों का आकलन करना शुरू कर दिया है।

आग की सूचना और दमकल विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया:

सुबह के समय सेक्टर-63 के डी-299 एसडीएस क्लोथिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक गारमेंट कंपनी के पहले फ्लोर पर आग लगने की सूचना मिलने के बाद दमकल विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। सूचना मिलने में थोड़ी देरी होने के बावजूद, दमकल विभाग ने अपनी पूरी टीम के साथ तुरंत काम शुरू कर दिया। दमकल विभाग की 10 से 12 गाड़ियों ने मिलकर करीब चार घंटे में आग पर काबू पाया।

सीएफओ प्रदीप कुमार ने बताया कि जिस समय आग लगी, कंपनी बंद पड़ी थी और अंदर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। बाहर के एक गार्ड ने आग लगने की सूचना दी थी, लेकिन सूचना मिलने में देरी हो गई थी। दमकल विभाग की टीम ने कठिन परिस्थितियों में आग पर काबू पाया और किसी भी प्रकार की जनहानि से बचाव किया।

आग का कारण और नुकसान का आकलन:

प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग के शॉर्ट सर्किट की वजह से लगने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सीएफओ प्रदीप कुमार ने कहा कि आग सबसे पहले कंपनी के फर्स्ट फ्लोर पर लगी थी और देखते ही देखते पूरे भवन को अपनी चपेट में ले लिया।

आग के कारण कंपनी को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, लेकिन फायर विभाग और प्रशासनिक अधिकारी अब इस नुकसान का सही आंकलन करने में जुटे हैं। आग के कारण कंपनी में रखी मशीनरी, कपड़े और अन्य वस्तुएं जलकर खाक हो गईं हैं।

कंपनी की बंदी का फायदा – कोई जनहानि नहीं:

सीएफओ ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस समय आग लगी, कंपनी बंद पड़ी हुई थी और कोई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं था। इस वजह से किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। कंपनी के अंदर कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ है। कंपनी के बाहर तैनात गार्ड ने आग की सूचना दी थी, और मौके पर पहुंचने में दमकल विभाग को कुछ समय लगा।

प्रदीप कुमार ने बताया, “हमारे लिए यह बड़ी राहत की बात है कि इस घटना में कोई भी जनहानि नहीं हुई। यदि यह घटना किसी कार्यकाल में होती, तो स्थिति काफी भयंकर हो सकती थी।”

आग पर काबू पाना एक चुनौती:

आग की सूचना मिलने के बाद दमकल विभाग ने एक-दो नहीं, बल्कि 10 से 12 गाड़ियों की मदद से 4 घंटे तक आग को बुझाने की कड़ी मेहनत की। आग इतनी फैल चुकी थी कि उसका नियंत्रण पाना आसान नहीं था, लेकिन दमकलकर्मियों ने अपनी सूझबूझ और समर्पण से इस चुनौती का सामना किया। सीएफओ ने बताया कि आग के कारण शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है, और इसके कारणों की जांच की जा रही है।

फायर बिग्रेड की प्रतिक्रिया:

फायर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आग के समय सूचना मिलने में देरी हुई, लेकिन उनके द्वारा तेजी से कार्य किया गया और 3-4 घंटे में आग को पूरी तरह से बुझा लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि कंपनी के भीतर इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट से आग लगने का संदेह है, हालांकि इसकी जांच की जा रही है।

सुरक्षा उपायों की समीक्षा:

इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है। प्रशासन ने इस घटना के बाद अन्य फैक्ट्रियों में सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने की बात कही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। नोएडा के औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की जांच और निगरानी बढ़ाई जाएगी।

आग की घटना के कारण हुए नुकसान का आकलन:

फायर विभाग द्वारा अब इस आग से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। आग के कारण जलकर नष्ट हुए सामान और मशीनरी की कुल कीमत लाखों रुपये में हो सकती है। हालांकि, इस समय तक प्रशासन ने नुकसान का कोई आधिकारिक आंकलन नहीं किया है। आग के कारण कंपनी की निर्माण सामग्री और मशीनरी को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन इसकी सही कीमत और नुकसान का आकलन फायर विभाग द्वारा जारी जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।

कंपनी की राहत योजना:

कंपनी ने घटना के बाद राहत कार्य शुरू कर दिया है और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए उपायों की योजना बना रही है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि वे आग से हुए नुकसान का तुरंत आकलन करेंगे और प्रभावित कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की सहायता देने का प्रयास करेंगे।

निगरानी बढ़ाई जाएगी:

कंपनी के बंद होने के कारण इस घटना में जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह घटना एक चेतावनी के रूप में आई है कि सुरक्षा मानकों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। प्रशासन ने कहा है कि अन्य कंपनियों और फैक्ट्रियों में सुरक्षा उपायों की सख्त जांच की जाएगी और सभी सुरक्षा मानकों को पुनः जांचने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

हालांकि इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। आग के कारणों का सही आंकलन और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन और फायर विभाग की पूरी टीम इस घटना की गहरी जांच कर रही है, ताकि आने वाले समय में ऐसे हादसों से बचा जा सके और सुरक्षा मानकों को और मजबूत किया जा सके।

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