• Tue. Dec 24th, 2024

Patrankan

खबर आपकी !!

*एलविश यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल: 23 दिसंबर को सुनवाई, नारकोटिक्स और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच जारी*

सोशल मीडिया पर अपनी हास्य शैली और व्लॉग्स के जरिए लाखों लोगों का दिल जीतने वाले एलविश यादव, इन दिनों एक गंभीर विवाद का सामना कर रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर की अदालत में उनके खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टेंस (NDPS) एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आर्थिक पहलुओं पर जांच शुरू कर दी।

मामले की पृष्ठभूमि

नोएडा पुलिस ने एलविश यादव को साँप और उसके जहर का अवैध इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, उनके पास से अवैध तरीके से सांप का जहर और उससे संबंधित सामग्री बरामद हुई है, जिसका उपयोग गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। पुलिस ने दावा किया है कि उनके पास इस मामले में पुख्ता सबूत हैं। जाँच के आधार पर पुलिस ने चार्जशीट तैयार की, जिसे कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है।

इस मामले में एलविश यादव को पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन पुलिस और ED की चल रही जांच ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

चार्जशीट में क्या है?

नोएडा पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में एलविश यादव पर NDPS एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप मुख्यतः निम्नलिखित बिंदुओं पर आधारित हैं:

1. सांप के जहर का अवैध उपयोग: एलविश यादव पर आरोप है कि उन्होंने सांप के जहर का इस्तेमाल गैरकानूनी तरीके से किया।

2. नारकोटिक्स सामग्री का व्यापार: पुलिस का दावा है कि इस मामले में उनके पास एलविश यादव के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जो उन्हें नारकोटिक्स से संबंधित गतिविधियों में संलिप्त साबित करते हैं।

3. साजिश और आर्थिक लाभ: इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी हस्तक्षेप किया है। माना जा रहा है कि सांप के जहर का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आर्थिक अपराधों से जुड़ा हो सकता है।

प्रवर्तन निदेशालय की जांच

मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री ने इसे और गंभीर बना दिया है। ED अब इस केस के वित्तीय पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि क्या सांप के जहर का उपयोग अवैध धन अर्जित करने या किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के साथ आर्थिक लेन-देन में किया गया था।

ED के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में कई संदिग्ध लेन-देन की जांच की जा रही है। एलविश यादव के बैंक खातों और उनके व्यवसाय से संबंधित दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है।

एलविश यादव और उनका बचाव

एलविश यादव, जो यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर एक प्रसिद्ध सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, पहली बार इस प्रकार के विवादों में फंसे हैं। उनके फैंस और समर्थक इस पूरे मामले को उनके खिलाफ साजिश बता रहे हैं।

एलविश यादव के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और इस मामले में उन्हें फंसाया जा रहा है। उनका कहना है कि चार्जशीट में जो साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं। वकील ने भरोसा जताया है कि अदालत में वे इन आरोपों को खारिज करवा देंगे।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

एलविश यादव के खिलाफ मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखी गई।

समर्थकों का पक्ष: उनके फैंस का कहना है कि यह उनके खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र है। कई लोग #JusticeForElvish हैशटैग के साथ उनके समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं।

आलोचकों की प्रतिक्रिया: कुछ लोग एलविश यादव पर लगे आरोपों को गंभीर मानते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

अदालत की सुनवाई और आगे की प्रक्रिया

चूंकि कोर्ट में अवकाश के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी, अब अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी। इस दिन अदालत में चार्जशीट की वैधता और मामले की आगे की प्रक्रिया पर चर्चा होगी।

23 दिसंबर को ED की जांच रिपोर्ट और पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों पर अदालत विचार करेगी। यदि आरोप साबित होते हैं, तो एलविश यादव को NDPS एक्ट के तहत कड़ी सजा हो सकती है।

मामले का प्रभाव

एलविश यादव के खिलाफ चल रहा यह केस न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को प्रभावित कर सकता है, बल्कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की जिम्मेदारी और उनके कार्यों पर भी सवाल खड़ा करता है। इस मामले ने सोशल मीडिया हस्तियों के जीवन पर भी रोशनी डाली है, जहां उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में अंतर का महत्व सामने आता है।

एलविश यादव का यह मामला गंभीर कानूनी और सामाजिक मुद्दों से जुड़ा हुआ है। नारकोटिक्स और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप न केवल कानूनी दृष्टिकोण से बल्कि उनकी प्रतिष्ठा के लिए भी बड़ा खतरा हैं।

अदालत की सुनवाई में क्या निष्कर्ष निकलता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। फिलहाल, उनके समर्थकों और आलोचकों के बीच बहस जारी है। 23 दिसंबर को होने वाली सुनवाई से ही इस मामले का भविष्य तय होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *