नोएडा:
नोएडा के थाना फेस-1 पुलिस ने एक पांच वर्षीय मासूम के अपहरण और हत्या के प्रयास की घटना का पर्दाफाश करते हुए आरोपी धीरज को गिरफ्तार किया है। इस घटना ने रिश्तों की मर्यादा और इंसानी मूल्यों को झकझोर कर रख दिया है। जो कुछ सामने आया है, वह दिल दहला देने वाला है।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना नोएडा के सेक्टर-5 हरौला इलाके की है। बिहार के निवासी अंगद अपनी पत्नी सविता और पांच साल के बेटे के साथ यहां रहते हैं। सविता की यह दूसरी शादी है और बच्चा उसकी पहली शादी से है। अंगद और धीरज, दोनों मजदूरी का काम करते थे और अक्सर शराब के नशे में साथ समय बिताते थे।
पुलिस के मुताबिक, शराब के नशे में धीरज ने सविता को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी, जिससे गुस्से में आकर अंगद ने धीरज की पिटाई कर दी। इस अपमान का बदला लेने के लिए धीरज ने अंगद के मासूम बेटे को निशाना बनाया और उसकी हत्या की खौफनाक साजिश रची।
साजिश की खौफनाक योजना
धीरज को पता था कि बच्चा सविता की पहली शादी से है और उसके जैविक पिता ने कभी उसे वापस लेने की कोशिश की थी। इस जानकारी का फायदा उठाते हुए धीरज ने 17 नवंबर को बच्चे को कुरकुरे दिलाने का लालच देकर अपने साथ गाजियाबाद ले गया।
गाजियाबाद पहुंचकर, उसने बच्चे का गला दबाकर उसे मारने की कोशिश की। धीरज को लगा कि बच्चा मर चुका है, और वह उसे वहीं छोड़कर भाग गया।
पुलिस की मुस्तैदी और बच्चे की चमत्कारिक बचत
बच्चे के अचानक लापता होने की सूचना पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। जांच के दौरान, सीसीटीवी फुटेज में धीरज को बच्चे के साथ जाते हुए देखा गया। इसके आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान, धीरज ने बच्चे की हत्या करने की बात कबूल कर ली।
हालांकि, जब पुलिस ने बच्चे की खोज शुरू की, तो उन्हें बच्चे का शव नहीं मिला। इसी दौरान जांच में पता चला कि 18 नवंबर को साहिबाबाद में एक रोता हुआ बच्चा मिला था। स्थानीय पुलिस ने उस बच्चे को घरौंदा बाल आश्रम भेज दिया था। नोएडा पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्चे को बाल आश्रम से सुरक्षित बरामद कर लिया।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी
नोएडा के डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि आरोपी धीरज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है और उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया है।
डीसीपी ने कहा, “पुलिस की सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई ने एक मासूम की जान बचाई है। यह घटना समाज में आपसी विश्वास और रिश्तों पर सवाल खड़ा करती है।”
घटना से जुड़ी चिंताएं और सबक
यह घटना दिखाती है कि कैसे गुस्सा और बदले की भावना इंसान को हैवान बना सकती है। धीरज ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए एक मासूम की जिंदगी को खतरे में डाल दिया।
पुलिस की मुस्तैदी और कार्यकुशलता ने इस बच्चे को मौत के मुंह से बचा लिया, लेकिन इस घटना ने समाज को एक कड़ा संदेश दिया है। यह जरूरी है कि हम अपने रिश्तों में विश्वास और आपसी समझ बनाए रखें और ऐसी परिस्थितियों से बचें, जो हमें अपराध की तरफ धकेलें।
समाज के लिए संदेश
यह घटना हमें याद दिलाती है कि गुस्से और नफरत का परिणाम हमेशा विनाशकारी होता है। समाज को ऐसे अपराधों से सबक लेते हुए संवेदनशीलता और इंसानियत बनाए रखने की जरूरत है। पुलिस और कानून के प्रति सहयोग करते हुए अपराधों को रोकने में समाज की भूमिका भी अहम है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पुलिस की सतर्कता और तत्परता कैसे जीवन बचा सकती है। हमें उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा।