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**साइबर पुलिस ने अगस्त में ठगी के मामलों में 4.81 करोड़ रुपये फ्रीज किए, 12 ठग गिरफ्तार**

डिजिटल युग में साइबर क्राइम और ठगी की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे पुलिस के लिए इन मामलों से निपटना एक चुनौती बन गया है। नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए अगस्त महीने में साइबर ठगों पर प्रभावी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस दौरान 22 साइबर अपराध के मामलों में 4.81 करोड़ रुपये फ्रीज किए और 12 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि ठगी के शिकार लोगों को जल्द ही उनकी रकम वापस कर दी जाएगी।

**साइबर ठगी का नया मामला:**

वीओ: साइबर क्राइम पुलिस ने एक प्रमुख आरोपी आसिफ अली को गिरफ्तार किया है, जो ठगों के गिरोह के लिए कमीशन पर बैंक खाता उपलब्ध करा रहा था। पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान, आसिफ अली ने खुलासा किया कि उसकी मुलाकात रवि नामक व्यक्ति से हुई थी, जिसने उसे सरकारी धन के लिए एक बैंक खाता खोलने का सुझाव दिया था। रवि ने आसिफ को आश्वस्त किया कि इस खाते में आए सरकारी धन का 30 प्रतिशत कमीशन उसे मिलेगा, जबकि बाकी पैसा रवि लेगा। इस सलाह पर आसिफ ने अपने आधार कार्ड में संशोधन कर बैंक खाता खोला और इसके माध्यम से ठगी के पैसे ट्रांसफर किए गए।

एडिशनल डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव का कहना है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में ज्यादातर वे लोग हैं जिन्होंने ठग गिरोह को कमीशन पर अपना खाता उपलब्ध कराया। प्रीति यादव ने बताया कि अगर पीड़ित शिकायत के शुरुआती घंटों में पुलिस से संपर्क करें, तो पुलिस उनकी रकम का 50 प्रतिशत से अधिक फ्रीज कर सकती है।

**अगस्त की कार्रवाई:**

वीओ: अगस्त महीने में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने 22 मामलों में 4 करोड़ 81 लाख रुपये फ्रीज किए और पीड़ितों को उनकी रकम लौटाने का प्रयास किया। पुलिस ने ठगी के मामलों में शामिल 12 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। इनमें से अधिकांश आरोपी वे हैं जिन्होंने ठग गिरोह को कमीशन पर अपना खाता उपलब्ध कराया।

**साल भर का आँकड़ा:**

नोएडा साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार, अक्टूबर 2023 से जुलाई 2024 के बीच साइबर ठगी के कुल 215 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें निवेश के नाम पर ठगी के मामले सबसे अधिक हैं। पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, 135 मामलों में लोगों को निवेश के नाम पर ठगा गया, जिसमें शेयर बाजार और आईपीओ में निवेश के नाम पर सबसे अधिक ठगी हुई। इसके अलावा, फेडेक्स के नाम पर डिजीटल अरेस्ट, ओटीपी धोखाधड़ी, गूगल पर फर्जी नंबर डालकर और कंपनी का डाटा हैक करने के मामले भी सामने आए हैं। पुलिस ने इन मामलों में 56 करोड़ 16 लाख रुपये की ठगी का खुलासा किया और 6 करोड़ 47 लाख 73 हजार रुपये बैंक खातों में फ्रीज किए। इस दौरान 19 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया।

साइबर क्राइम पुलिस की यह कार्रवाई निश्चित ही साइबर ठगों के खिलाफ एक बड़ी जीत है। लेकिन साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, पुलिस और आम लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति सजग रहना आवश्यक है। साइबर ठगी के मामलों में त्वरित शिकायत और उचित कार्रवाई से ही इन अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

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