शाहरुख़ खान ने हाल ही में डिज़्नी की एनिमेटेड फिल्म “मुफासा: द लॉयन किंग” के हिंदी संस्करण में मुफासा के किरदार को अपनी आवाज़ दी। उन्होंने मुफासा की यात्रा और अपने जीवन के बीच गहरी समानता पर चर्चा करते हुए कहा कि यह कहानी उनके जीवन को दर्शाती है। शाहरुख़ ने मुफासा की संघर्षपूर्ण यात्रा—एक अनाथ शावक से जंगल के राजा बनने तक—को अपनी जिंदगी के उतार-चढ़ाव से जोड़ा। उन्होंने अपने करियर के बारे में कहा, “राज किया सबके दिलों पर,” जो उनकी लोकप्रियता और दर्शकों पर उनके प्रभाव को बखूबी दर्शाता है।
मुफासा की कहानी और शाहरुख़ का जीवन
मुफासा की कहानी में साहस, संघर्ष और नेतृत्व की गाथा है। इसी तरह, शाहरुख़ ने अपने जीवन में साधारण शुरुआत से लेकर हिंदी सिनेमा के बादशाह बनने तक का सफर तय किया। उन्होंने मुफासा की कहानी को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि यह हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपनी जिम्मेदारियों को कैसे निभाया जाए। यह संघर्ष और नेतृत्व की कहानी उनकी अपनी जिंदगी की झलक भी देती है।
पारिवारिक जुड़ाव
इस फिल्म में शाहरुख़ के साथ उनके बेटे आर्यन खान (सिंबा) और अबराम खान (छोटे सिंबा) ने भी अपनी आवाज़ दी है। यह पहली बार है जब पिता-पुत्र की यह तिकड़ी एक साथ किसी प्रोजेक्ट में काम कर रही है। शाहरुख़ ने इस अनुभव को बेहद खास बताया और कहा कि अपने बेटों के साथ काम करना उनके लिए भावनात्मक रूप से अद्वितीय था। उन्होंने इसे एक पीढ़ीगत हस्तांतरण का प्रतीक भी बताया, जहां आर्यन और अबराम भविष्य की जिम्मेदारी संभालते दिख रहे हैं।
सामाजिक प्रभाव और प्रशंसा
शाहरुख़ की आवाज़ और मुफासा के किरदार में उनकी गहराई को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। दर्शकों ने इसे भावुक और प्रेरणादायक अनुभव बताया। उनके प्रशंसकों ने इसे “किंग खान और उनके शेरों की वापसी” करार दिया, जो उनके व्यक्तित्व और फिल्मों के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।
शाहरुख़ खान ने न केवल मुफासा की कहानी को जीवंत बनाया, बल्कि इसे अपनी जिंदगी और संघर्षों के साथ जोड़कर एक नई गहराई दी। “मुफासा: द लॉयन किंग” उनके प्रशंसकों के लिए एक यादगार अनुभव बनने जा रही है, जिसमें उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन की झलक देखने को मिलेगी।