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नोएडा में फर्जी आईएएस-आईपीएस बनी जोया खान गिरफ्तार: स्पूफिंग कॉल का किया इस्तेमाल

एंकर:

डिजिटल युग में अपराध का स्वरूप भी बदल चुका है। अब सूचना के आदान-प्रदान के लिए बनाए गए मोबाइल फोन का उपयोग अपराधियों द्वारा किया जा रहा है। हाल ही में नोएडा के थाना सेक्टर 142 की पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम है जोया खान। उसने फर्जी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी बनकर अधिकारियों और आम लोगों पर दबाव बनाने का काम किया।

वीओ:

पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई जोया खान की तस्वीर अब सभी के सामने है। जोया ने यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन असफल होने के बाद उसने फर्जी अधिकारियों के रूप में लोगों को धमकाना शुरू कर दिया। हाल ही में उसने थाना 142 के प्रभारी को फर्जी कॉल कर एक मामले में दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन उसकी चालाकी नहीं चली और वह गिरफ्तार कर ली गई।

बाइट:

शक्ति मोहन अवस्थी, डीसीपी नोएडा सेंट्रल: “जोया खान ने फर्जी आईएएस और आईपीएस बनकर पुलिस अधिकारियों को भी भ्रमित करने की कोशिश की थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद हमने जब उससे पूछताछ की, तो यह पता चला कि उसने स्पूफिंग कॉल की थी।”

वीओ:

गिरफ्तारी के बाद जोya खान से पूछताछ में यह सामने आया कि उसने स्पूफिंग कॉल के लिए दुबई के सर्वर का इस्तेमाल किया था। डीसीपी ने बताया कि स्पूफिंग तकनीक के माध्यम से कॉलर अपनी आईडी बदल सकता है, जिससे ऐसा लगता है कि कॉल किसी विश्वसनीय नंबर से आ रही है। जोया ने इस तकनीक का उपयोग करके कई बार पुलिस और अन्य लोगों को भ्रमित किया। इसके लिए उसने MAGIC CALL एप का सहारा लिया, जिसमें वह पुरुषों की आवाज में भी बात कर सकती थी, जिससे उसका प्रभाव और बढ़ जाता था।

बाइट:

शक्ति मोहन अवस्थी, डीसीपी नोएडा सेंट्रल: “यह तकनीक अत्यंत खतरनाक है, क्योंकि इससे लोग आसानी से धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। जोया ने कई अधिकारियों को अपने जाल में फंसाया।”

वीओ:

यह पहली बार नहीं है जब जोया खान ने ऐसा किया। वह पहले भी नोएडा, गुरुग्राम और मेरठ में फर्जी आईएएस और आईपीएस बनकर पुलिस एस्कॉर्ट की मांग कर चुकी है। इन तीनों जगहों पर उसके फर्जीवाड़े की पोल खुलने के बाद उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे।

*फर्जीवाड़े का ढांचा*

जोया खान की गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट किया है कि किस तरह से डिजिटल तकनीक का दुरुपयोग किया जा रहा है। उसके फर्जीवाड़े का आधार उसकी शातिर सोच और तकनीकी जानकारी पर निर्भर था। स्पूफिंग कॉल के जरिए वह लोगों को यह विश्वास दिलाने में सफल रही कि वह एक उच्च सरकारी अधिकारी है।

इस मामले ने यह भी उजागर किया है कि समाज में कुछ लोग अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। जोया ने अपने फर्जीपन को एक व्यवसाय की तरह अपनाया और अधिकारियों को भी अपने झांसे में लिया।

*पुलिस की कार्रवाई और समाज के प्रति संदेश*

नोएडा पुलिस की इस कार्रवाई ने समाज में एक संदेश दिया है कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, ताकि अन्य लोग इस तरह के अपराध करने की हिम्मत न जुटा सकें।

बाइट:

शक्ति मोहन अवस्थी, डीसीपी नोएडा सेंट्रल: “हम समाज से अपील करते हैं कि यदि किसी को इस तरह की कॉल या दबाव का सामना करना पड़े, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें। हम इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”

जोया खान का मामला केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम की कमजोरी को उजागर करता है। डिजिटल तकनीक का दुरुपयोग कैसे किया जा सकता है, इसका यह एक स्पष्ट उदाहरण है। हमें सतर्क रहना होगा और किसी भी अनजान कॉल पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से पहले जांच करनी चाहिए। इस घटना ने यह साबित किया है कि हमें अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहना होगा और किसी भी फर्जीवाड़े का शिकार नहीं होना चाहिए।

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