नोएडा पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी के मामले का खुलासा करते हुए एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जो विदेशी नागरिकों से लाखों रुपये की ठगी कर रहा था। इस कॉल सेंटर से 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने इस ऑपरेशन को गुप्त सूचना के आधार पर अंजाम दिया और सेक्टर 117 में स्थित इस कॉल सेंटर पर छापेमारी की। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 19 लैपटॉप, 20 मोबाइल फोन, 6 माउस और विभिन्न कंपनियों के 5 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं, जो इस ठगी के काम में इस्तेमाल हो रहे थे। पुलिस ने इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर साइबर अपराधियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है।
फर्जी कॉल सेंटर का संचालन
यह फर्जी कॉल सेंटर नोएडा के सेक्टर 117 में संचालित हो रहा था, और यहां से विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर ठगी की जा रही थी। आरोपियों ने एक बेहद जटिल और हाई-टेक साइबर ठगी का तरीका अपनाया था, जिसमें वे पॉप-अप संदेश भेजकर लोगों के कंप्यूटरों को हैक कर लेते थे। इन पॉप-अप संदेशों में यह दिखाया जाता था कि उपयोगकर्ता के कंप्यूटर में कोई गंभीर तकनीकी समस्या या वायरस है, जिसे ठीक करने के लिए तुरंत सहायता की आवश्यकता है।
जैसे ही कोई व्यक्ति इस पॉप-अप पर क्लिक करता और सहायता के लिए कॉल सेंटर से संपर्क करता, गिरोह के सदस्य उन्हें तकनीकी सहायता के नाम पर ठगने में लग जाते। वे अपने शिकार से कंप्यूटर पर पूरी तरह से नियंत्रण प्राप्त कर लेते थे और फिर उनसे पैसे वसूलने का तरीका शुरू कर देते थे। इसके बाद, आरोपी शिकार से पैसों की मांग करते, यह कहकर कि उनका कंप्यूटर ठीक करने के लिए अतिरिक्त शुल्क की आवश्यकता है।
ठगी का तरीका
इस गिरोह का तरीका विशेष रूप से तकनीकी था। जैसे ही पॉप-अप संदेश उपयोगकर्ताओं के कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देता, उसमें एक कॉल नंबर और ‘सहायता’ प्राप्त करने के लिए एक लिंक दिया जाता था। घबराए हुए उपयोगकर्ता जब इस नंबर पर कॉल करते, तो वे शिकार बन जाते थे। आरोपियों के पास कंप्यूटर के माध्यम से उनके उपकरणों का पूरा नियंत्रण होता था और वे उनसे व्यक्तिगत जानकारी या बैंक खाता विवरण प्राप्त करने की कोशिश करते थे।
इस गिरोह ने मुख्य रूप से अमेरिकी नागरिकों को अपना निशाना बनाया था, जिनसे यह लोग तकनीकी सहायता के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे थे। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लाखों रुपये की अवैध कमाई कर रहा था, और उनकी ठगी की प्रक्रिया में शामिल सभी लोग किसी न किसी रूप में तकनीकी कौशल में निपुण थे।
पुलिस की कार्रवाई
नोएडा पुलिस की इस सफलता को डीसीपी रामबदन सिंह ने साझा किया। उन्होंने बताया कि यह पूरी कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई। पुलिस को सूचना मिली थी कि सेक्टर 117 में एक कॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों को ठगा जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस ने एक विशेष टीम बनाई और ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए मौके पर छापेमारी की।
पुलिस ने इस कॉल सेंटर से 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें चार महिलाएं शामिल थीं। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह काफी संगठित था और इन लोगों ने साइबर तकनीकों का इस्तेमाल करके अपने शिकार को धोखा दिया था। इसके अलावा, पुलिस ने आरोपियों के पास से जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं, उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह पता चल सके कि इन उपकरणों के जरिए किस तरह से ठगी की गई थी और इसका नेटवर्क कितना बड़ा था।
गिरोह के प्रमुख आरोपी
पुलिस ने बताया कि इस कॉल सेंटर का संचालन करने वाले मुख्य आरोपी का नाम अभिषेक था, जो पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। उसने इस ठगी के नेटवर्क को स्थापित किया था और इसके संचालन में अपने तकनीकी ज्ञान का भरपूर उपयोग किया था। अन्य गिरफ्तार आरोपियों में भी ज्यादातर लोग टेक्निकल बैकग्राउंड से थे। पुलिस का मानना है कि गिरोह के सदस्य विदेशों में बैठे लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए ऑनलाइन तकनीकी सहायता के रूप में एक धोखाधड़ी नेटवर्क चला रहे थे।
बैंक खातों और वित्तीय लेन-देन की जांच
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और उनकी वित्तीय गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। आरोपियों के बैंक खातों, लेन-देन और अन्य वित्तीय जानकारी को खंगाला जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि इनकी अवैध कमाई कितनी बड़ी थी और इस कमाई का प्रयोग कहां किया गया था। पुलिस ने यह भी कहा कि कुछ अन्य आरोपियों के साथ-साथ इस गिरोह के अन्य हिस्सों पर भी आगे की कार्रवाई की जाएगी।
साइबर अपराधों पर कड़ी नजर
नोएडा पुलिस की इस कार्रवाई को साइबर अपराधों पर एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। डीसीपी रामबदन सिंह ने कहा कि इस कार्रवाई से यह साबित होता है कि नोएडा पुलिस साइबर अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की ऑनलाइन सहायता के लिए अनजान कॉल सेंटर से संपर्क न करें और यदि कोई संदिग्ध कॉल या पॉप-अप संदेश प्राप्त हो, तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें।
साइबर अपराधों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और ऐसे ठगी के गिरोहों का पता लगाना और उन्हें पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। लेकिन इस मामले में नोएडा पुलिस ने प्रभावी ढंग से कार्रवाई की और एक बड़े साइबर ठगी के नेटवर्क का पर्दाफाश किया।
नोएडा पुलिस की यह कार्रवाई इस बात का सबूत है कि साइबर अपराधी अपनी ठगी की प्रक्रिया को अत्यधिक तकनीकी और जटिल बना सकते हैं। ऐसे अपराधों के खिलाफ जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है। पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई न केवल इस गिरोह को सजा दिलाएगी, बल्कि साइबर ठगी के खिलाफ अन्य लोगों को भी सतर्क करेगी।
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