**नोएडा: चार दिन के नवजात शिशु को मां ने त्यागा, सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के पास शौचालय में मिला**
**नोएडा:** नोएडा के सेक्टर 32 स्थित सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के पास एक सुलभ शौचालय के अंदर एक नवजात शिशु लावारिस हालत में मिला है। यह नवजात शिशु केवल चार दिन का बताया जा रहा है और उसे कपड़ों में लिपटा हुआ रोते हुए पाया गया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और बच्चे को सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई में भर्ती कराया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है और उसका इलाज जारी है।
**घटना की जानकारी:**
शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे एक व्यक्ति ने सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के पास बने सुलभ शौचालय के अंदर नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनी। वह व्यक्ति शौचालय के अंदर गया और वहां देखा कि एक नवजात शिशु कपड़ों में लिपटा हुआ पड़ा है और उसकी सांसें चल रही हैं। व्यक्ति ने तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया। सूचना मिलने पर सेक्टर 39 पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और एक महिला पुलिसकर्मी की मदद से बच्चे को दूध पिलाया गया ताकि उसे शांत किया जा सके। इसके बाद बच्चे को तत्काल चिकित्सा के लिए सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई में भर्ती कराया गया।
**पुलिस की कार्रवाई:**
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शौचालय के भीतर नवजात के पहुंचने के तरीके की जांच शुरू कर दी है। आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि बच्चा वहां कैसे पहुंचा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच में महिला पुलिसकर्मी को तैनात किया गया है। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि किसी अविवाहित महिला ने बच्चे को जन्म दिया और समाज में बदनामी के डर से उसे शौचालय में छोड़ दिया।
**स्वास्थ्य और देखभाल:**
चाइल्ड पीजीआई में भर्ती नवजात की स्थिति स्थिर बताई जा रही है। चिकित्सक बच्चे का इलाज कर रहे हैं और उसकी सेहत पर निगरानी रखी जा रही है। बच्चे की स्थिति को देखते हुए कई लोग उसे गोद लेने की इच्छा जता चुके हैं। इस तरह की स्थिति में बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
**सामाजिक और कानूनी पहलू:**
यह घटना समाज में बदनामी और सामाजिक दबाव के कारण नवजात शिशुओं के त्याग की एक और दुखद मिसाल है। पुलिस ने यह भी जांच शुरू की है कि इस मामले में संबंधित व्यक्ति या महिला के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जा सकती है या नहीं। इस घटना ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाया है कि समाज को अपने सामाजिक दायित्वों और संवेदनशीलता को लेकर और अधिक जागरूक होना पड़ेगा।
**आगे की कार्रवाई:**
इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस ने विभिन्न पहलुओं की जांच शुरू कर दी है। महिला पुलिसकर्मियों की टीम इस मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बच्चे को किसने त्यागा और क्यों। पुलिस और संबंधित सामाजिक सेवाओं के माध्यम से बच्चे की सुरक्षा और उसके भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
नोएडा में इस तरह की घटना ने समाज की संवेदनशीलता को एक बार फिर परखा है और यह बताता है कि हमें ऐसे मामलों में त्वरित और संवेदनशील प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। नवजात शिशु की देखभाल और उसकी सुरक्षा के लिए सभी संबंधित एजेंसियों और समाज को मिलकर काम करना होगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।