ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा-2 इलाके के स्वर्ण नगरी में एक बंद पड़ी कंपनी के गोदाम में भीषण आग लगने से तीन मजदूरों की जलकर मौत हो गई। यह हादसा गैस लीक होने के कारण हुआ। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की पांच गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटना स्थल पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
घटना का विवरण
घटना स्वर्ण नगरी स्थित जैन सिटिंग सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के गोदाम की है। यह कंपनी कोरोना काल से बंद पड़ी थी। गोदाम में मजदूर सोफा बनाने का काम कर रहे थे, तभी अचानक गैस लीक होने के कारण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि मजदूरों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल सका।
आग बुझाने के बाद जब फायर कर्मियों ने सर्च ऑपरेशन चलाया, तो अंदर से तीन शव बरामद किए गए। मृतकों की पहचान गुलफाम (23 वर्ष), मजहर आलम (29 वर्ष), और दिलशाद (24 वर्ष) के रूप में हुई है।
फायर ब्रिगेड का बयान
मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग गैस लीक होने के कारण लगी।
“गोदाम में ज्वलनशील सामग्री मौजूद थी, जिससे आग तेजी से फैल गई। आग को बुझाने के बाद कूलिंग ऑपरेशन किया गया और सर्च के दौरान मजदूरों के शव बरामद हुए,” प्रदीप कुमार ने कहा।
प्रशासन का बयान
घटनास्थल पर मौजूद एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि
“फायर ब्रिगेड की पांच गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटना में तीन मजदूरों की मौत हुई है। उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और परिजनों को सूचित कर दिया गया है।”
मजदूरों की स्थिति और कामकाज
घटना के समय गोदाम में मजदूर सोफा बनाने का काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि ये मजदूर गोदाम के एक हिस्से में ठहरे हुए थे और वहीं काम कर रहे थे। गोदाम में सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की गई थी, जिसके चलते यह हादसा हुआ।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि गोदाम लंबे समय से बंद पड़ा था, लेकिन हाल के दिनों में वहां मजदूरों को काम करते देखा गया था। लोगों का कहना है कि गोदाम में सुरक्षा इंतजाम नहीं थे और यह हादसा लापरवाही का नतीजा है।
प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई
पुलिस और प्रशासन ने घटनास्थल की जांच शुरू कर दी है। एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि गोदाम मालिक और संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
“इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। प्राथमिक जांच के आधार पर मामला दर्ज किया जा रहा है,” अशोक कुमार ने कहा।
गोदाम में सुरक्षा मानकों की अनदेखी
इस हादसे ने औद्योगिक गोदामों और कार्यस्थलों में सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे स्थानों पर ज्वलनशील सामग्री के साथ काम करते समय उचित सुरक्षा उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है।
पीड़ित परिवारों की हालत
घटना के बाद मृतकों के परिवारों में शोक की लहर है। मजदूरों के परिजनों को इस दर्दनाक हादसे की सूचना दे दी गई है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
आग लगने की घटनाओं पर बढ़ता खतरा
यह घटना औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ते हादसों की एक और कड़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि कामकाज के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न करना और उचित उपकरणों की कमी के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। प्रशासन को इन मामलों में सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
स्वर्ण नगरी की इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि औद्योगिक कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं किया जाता। प्रशासन और फायर ब्रिगेड की तत्परता से आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तीन मजदूरों की मौत ने इस लापरवाही की भारी कीमत वसूली।
अब यह जिम्मेदारी प्रशासन की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। वहीं, पीड़ित परिवारों को न्याय और मदद दिलाना भी प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।