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*ग्रेटर नोएडा: साइबर ठगी का बड़ा खुलासा, अभियुक्त गिरफ्तार*

गौतमबुद्धनगर पुलिस ने मंगलवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए थाना बिसरख क्षेत्र से एक शातिर अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। यह अभियुक्त लाइफ इंश्योरेंस के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके साइबर ठगी कर रहा था। पुलिस ने आरोपी के पास से कई महत्वपूर्ण सामान बरामद किए हैं, जिनमें मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल भुगतान के क्यूआर कोड, बायोमेट्रिक मशीन, और अन्य उपकरण शामिल हैं।

गोपनीय सूचना से मिली सफलता

पुलिस को गोपनीय सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति, जिसका नाम अमित है, साइबर कैफे की आड़ में एचडीएफसी फाइनेंस बैंक के पॉलिसी धारकों का डाटा डाउनलोड करके ठगी कर रहा है। अमित अपने शिकार को फोन करके उन्हें पॉलिसी रिन्यूअल या बंद करने का झांसा देकर उनके खातों से अवैध रूप से पैसे ट्रांसफर करता था।

अभियुक्त की गिरफ्तारी और बरामद सामान

थाना बिसरख पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अमित को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से एचडीएफसी फाइनेंस कंपनी के पॉलिसी होल्डरों का डाटा, मोबाइल फोन, लैपटॉप, बायोमेट्रिक मशीन, क्यूआर कोड, पेन ड्राइव, फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए।

ठगी का तरीका

पुलिस की पूछताछ में अमित ने बताया कि उसने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के पॉलिसी धारकों का डाटा चोरी किया। उसने विशेष रूप से उन धारकों का डाटा इकट्ठा किया जिनकी पॉलिसी लैप्स हो चुकी थी। अमित इन धारकों को कॉल करके उन्हें पॉलिसी रिन्यूअल या बंद करने का झांसा देकर उनसे पैसे वसूल करता था।

अमित ने गूगल से एचडीएफसी लाइफ के कर्मचारियों की आईडी और दस्तावेज भी डाउनलोड कर लिए थे, जिन्हें वह अपने शिकार को भ्रमित करने के लिए इस्तेमाल करता था। उसने ग्राहकों को विश्वास में लेने के लिए खुद को रवि शर्मा के नाम से पेश किया और एचडीएफसी फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताकर ग्राहकों से डिजिटल माध्यमों से पैसे वसूलता था।

आंकड़े और शिकायतें

अभियुक्त ने कुल 19,260 पॉलिसी धारकों का डाटा इकट्ठा किया था, जिनमें से 13,455 से वह संपर्क कर चुका था। इसके अलावा, आरोपी के खिलाफ कई साइबर शिकायतें भी दर्ज हैं, जिनमें वडोदरा, गुजरात की एक साइबर कंप्लेन भी शामिल है। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि कितने और लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस योजना में और भी लोग शामिल थे।

पुलिस का बयान

पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कहा कि वे इस तरह की साइबर ठगी के मामलों को गंभीरता से ले रहे हैं और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से फोन पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें।

इस प्रकार की साइबर ठगी की घटनाएं समाज के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं। पुलिस की तत्परता और कुशलता ने इस मामले में एक ठग को गिरफ्तार कर सबक सिखाने का कार्य किया है। उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी से अन्य ठगों में डर पैदा होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं में कमी आएगी। लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।

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