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*ग्रेटर नोएडा: फर्जी लोन और क्रेडिट कार्ड से 20 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश, महिला बैंक मैनेजर फरार*

ग्रेटर नोएडा के दादरी थाना पुलिस ने हाल ही में एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी लोन और क्रेडिट कार्ड के जरिए 15 से 20 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह की एक महिला सदस्य, जो एक निजी बैंक में मैनेजर है, फरार चल रही है।

गिरोह का खुलासा

इस गिरोह का खुलासा तब हुआ जब दादरी थाना पुलिस ने 7 अक्टूबर को अमित राठौर नामक युवक की हत्या का मामला सुलझाया। जांच में यह सामने आया कि अमित के साथी, जिन्होंने उसे डेढ़ करोड़ रुपये के लेन-देन के विवाद में मारा, एक संगठित गिरोह के सदस्य थे। यह गिरोह फर्जी तरीके से लोन और क्रेडिट कार्ड जारी करने का काम कर रहा था।

गिरोह ने एक फर्जी कंपनी ‘मेफर्स फैशन प्राइवेट लिमिटेड’ बनाकर बैंक खातों को खोला। इसके लिए उन्होंने आधार कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य दस्तावेजों में फर्जी बदलाव किए। इसके बाद, वे सैलरी के फर्जी रिकॉर्ड को बैंक में प्रस्तुत करते थे।

ठगी का तरीका

गिरोह ने बैंक खातों में 6 से 9 महीने तक मोटी रकम ट्रांसफर की, ताकि लोन लेने वाले व्यक्ति का सिबिल स्कोर बेहतर दिखाई दे। इसके बाद, गिरोह 40 से 50 लाख रुपये तक का लोन और 2-3 लाख रुपये की क्रेडिट कार्ड लिमिट दिलवाकर पूरी राशि अपने कब्जे में ले लेता था।

लोन और क्रेडिट कार्ड की कुछ ईएमआई जमा करने के बाद, गिरोह एड्रेस और मोबाइल नंबर बदल देता था, जिससे बैंक उन तक पहुंच न सके। प्रत्येक लोन पर गिरोह के सदस्यों को 4 से 5 लाख रुपये की कमीशन मिलती थी।

बरामदगी

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों गोविंद और विशाल के पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और उपकरण बरामद किए हैं। इनमें 206 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 58 पासबुक, 40 आधार कार्ड, 40 पैन कार्ड, 70 चेक बुक, 6 स्वाइप मशीन, 30 मोबाइल फोन, और एक टाटा हैरियर गाड़ी शामिल हैं।

डीसीपी साद मिया खान ने बताया कि इस गिरोह का मुख्य सदस्य मृतक अमित कुमार था। गिरोह के अन्य सदस्यों ने भी मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने पहले ही हत्या के आरोप में तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह की महिला सदस्य और एक अन्य हत्यारोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस ने इस मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। जनता को ऐसे फर्जीवाड़ों से सावधान रहने की आवश्यकता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी वित्तीय प्रस्ताव या लोन के लिए दस्तावेजों की सही जानकारी प्राप्त करें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।

इस मामले में पुलिस की सक्रियता ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिससे न केवल कई लोगों को ठगी से बचाया जा सकेगा, बल्कि समाज में एक चेतना भी फैलेगी।

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