ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में दहेज को लेकर हो रही पंचायत के दौरान हिंसा भड़क उठी। यह घटना उस समय हुई जब एक पक्ष ने पंचायत के दौरान लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में महिलाओं समेत आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। यह मामला दहेज के विवाद से जुड़ा हुआ है, जिसमें लड़की के ससुराल पक्ष की ओर से लगातार दहेज की मांग की जा रही थी, जिसके कारण लड़की को पिछले तीन साल से अपने ससुराल से बाहर रहना पड़ा था। इस विवाद को सुलझाने के लिए पंचायत बुलाई गई थी, लेकिन पंचायत के दौरान मामला हिंसक रूप ले लिया।
दहेज विवाद का कारण
पीड़ित परिवार के मुताबिक, पीड़िता की शादी साल 2021 में हुई थी, लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल पक्ष ने दहेज की मांग शुरू कर दी। परिवार का कहना है कि ससुराल वाले पहले से तय की गई दहेज की रकम को लेकर लगातार दबाव बना रहे थे। परिवार ने अपनी माली हालत का हवाला देते हुए मांगें पूरी करने में असमर्थता जताई, जिसके बाद ससुराल पक्ष ने लड़की को घर से बाहर कर दिया। तीन साल से अपने मायके में रह रही लड़की ने इस मुद्दे को हल करने के लिए कई बार ससुराल वालों से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही।
पीड़िता के परिवार ने अंततः इस विवाद को सुलझाने के लिए पंचायत बुलाने का फैसला लिया। पंचायत में दोनों पक्षों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें पीड़िता के परिवार ने ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत की थी। पंचायत में दोनों परिवारों के बीच समझौता करने की उम्मीद थी, लेकिन चर्चा के दौरान मामला गर्मा गया और इसके बाद दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडों से हमले की घटना घटी।
पंचायत के दौरान हिंसा
पंचायत में चर्चा के दौरान बातों का भंवर बढ़ गया और अचानक गुस्से में आकर लड़के के पक्ष ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। पीड़िता के परिवार का आरोप है कि लड़के के पक्ष ने एक साथ मिलकर हमला किया, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं। हमले में कई लोग घायल हुए, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक बताई जा रही है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। घायलों में पीड़िता के परिवार के सदस्य और पंचायत में मौजूद अन्य लोग शामिल हैं। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
हिंसा के बाद का माहौल
हिंसा की इस घटना के बाद गांव में तनाव फैल गया। भारी संख्या में लोग सूरजपुर कोतवाली पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। लोग आरोपियों के खिलाफ न्याय की मांग कर रहे थे, वहीं पीड़िता के परिवार ने भी सख्त कदम उठाने की अपील की। आरोपियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और हमला करने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने घटना के तुरंत बाद जांच शुरू कर दी है और पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि पंचायत के दौरान हुए हमले में एक ही परिवार के कई लोग शामिल थे। पुलिस आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दे रही है और मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में दहेज उत्पीड़न की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पंचायत के दौरान हुई हिंसा को लेकर भी आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। पुलिस ने यह भी कहा कि हमलावरों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और मामले में कोई भी ढील नहीं दी जाएगी।
घायल महिलाओं की स्थिति
घायल महिलाओं का इलाज अस्पताल में चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। पीड़िता के परिवार ने बताया कि महिला सदस्यों को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन वे अब खतरे से बाहर हैं। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने घायल व्यक्तियों की गंभीरता का मूल्यांकन किया और उन्हें आवश्यक उपचार दिया। पुलिस ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित अस्पताल से रिपोर्ट मांगी है ताकि घायल लोगों के इलाज और उनकी स्थिति की पूरी जानकारी मिल सके।
पीड़िता का बयान और स्थिति
पीड़िता ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उसने कई बार अपने ससुराल पक्ष से समझौते की कोशिश की थी, लेकिन हर बार उनकी मांगें बढ़ती गईं और अंततः उसे घर से बाहर कर दिया गया। पंचायत में उसने उम्मीद जताई थी कि दोनों परिवारों के बीच बातचीत से मामला सुलझ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब मामला अधिक गरमाया तो उसके परिवार के लोग भी गुस्से में आ गए, लेकिन ससुराल पक्ष ने इसे हिंसक रूप दे दिया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि लड़के के परिवार ने जानबूझकर हिंसा को अंजाम दिया, जिससे ना केवल उनका परिवार घायल हुआ, बल्कि पंचायत की गरिमा भी धूमिल हुई।
समाज में दहेज प्रथा पर चिंता
यह घटना एक बार फिर से दहेज प्रथा के गंभीर मुद्दे को उजागर करती है, जो आज भी समाज में एक कुरीति के रूप में व्याप्त है। दहेज के मामलों में महिलाओं को अत्याचार का शिकार होना पड़ता है, और समाज में समानता की ओर बढ़ने की दिशा में यह एक बड़ा अवरोध है। सरकार और समाज दोनों से यह अपेक्षाएँ हैं कि इस प्रकार के मुद्दों पर कड़ी नजर रखी जाए और दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर गांव में दहेज विवाद के कारण हुई हिंसा ने एक बार फिर दहेज प्रथा के खतरे को उजागर किया है। यह घटना सिर्फ एक परिवार की व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि एक समाजिक कुरीति का परिणाम है, जिसे समाप्त करने की आवश्यकता है। पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई शुरू की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है। इस तरह की घटनाओं से यह संदेश मिलता है कि दहेज प्रथा जैसे मुद्दों को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने और सख्त कानूनों की जरूरत है।