ग्रेटर नोएडा में किसानों की हजारों की तादाद ने अपनी मांगों को लेकर सूरजपुर कलेक्ट्रेट ऑफिस का घेराव किया है। इस धरना प्रदर्शन में किसान और महिलाएं दोनों ही शामिल हैं, जो अपनी समस्याओं को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन तब हुआ जब उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट अब तक नहीं सौंपी गई।
मांगों को लेकर बढ़ा आंदोलन
किसानों का कहना है कि उनके सामने कई मुद्दे हैं, जिनमें फसलों की उचित कीमत, ऋण माफी और सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन शामिल है। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया है और अब उनकी आवाज को उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। धरने का नेतृत्व किसान नेता सुखबीर खलीफा कर रहे हैं, जिन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
पुलिस का भारी बंदोबस्त
किसानों के धरने को देखते हुए कलेक्ट्रेट ऑफिस पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके। प्रदर्शनकारियों के साथ कोई भी अप्रिय घटना न हो, इसके लिए प्रशासन ने बैरिकेडिंग भी की है।
समाजवादी पार्टी का समर्थन
किसानों के इस आंदोलन को समाजवादी पार्टी का समर्थन मिला है। पार्टी के कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए हैं और उन्होंने किसानों के हक में आवाज उठाने का संकल्प लिया है। नेताओं ने किसानों की समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया है और कहा है कि वे किसानों के साथ हैं।
किसानों की समस्याएं
किसानों का मुख्य मुद्दा फसलों की उचित मूल्य और समर्थन मूल्य को लेकर है। कई किसानों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में फसलों के दाम गिर गए हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। इसके अलावा, उन्हें ऋण चुकाने में भी मुश्किल हो रही है। कई किसानों ने यह भी बताया कि सरकारी योजनाएं समय पर नहीं पहुंच रही हैं, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार
किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक कमेटी का गठन किया था, लेकिन अब तक उस कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है। किसानों का कहना है कि वे बार-बार अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। इस स्थिति को लेकर किसानों में रोष है और वे सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
आगे की योजना
किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे और भी उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे अपनी आवाज को और मजबूत बनाएंगे और जरूरत पड़ने पर अन्य किसानों को भी आंदोलन में शामिल करेंगे। किसान नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि उनकी एकजुटता से ही उनकी समस्याओं का समाधान संभव है।
ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कलेक्ट्रेट ऑफिस का घेराव एक महत्वपूर्ण घटना है, जो किसानों की समस्याओं और उनकी आवाज को उठाने के लिए एकजुटता का प्रतीक है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और किसानों की समस्याओं का समाधान कब होता है। किसानों का यह आंदोलन न केवल उनकी वर्तमान समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि यह सरकार के प्रति उनकी निराशा को भी दर्शाता है।